यूक्रेन की दयाना यास्त्रेम्स्का शनिवार ल्योन डब्ल्यूटीए ओपन के फाइनल में पहुंच गई हैं। एक हफ्ते पहले यास्त्रेम्स्का रूसी हमलों में बाल-बाल बची थीं। उनके शहर ओदेसा पर बम से हमले हुए थे। 21 साल यास्त्रेम्स्का फाइनल मुकाबले के लिए यूक्रेन का झंडा लपेट कर उतरीं। उन्होंने रोमानिया की दूसरी वरीयता प्राप्त सोराना क्रिस्टिया को 7-6 (7/5), 4-6, 6-4 से हराया।



यास्त्रेम्स्का और क्रिस्टिया के बीच यह मुकाबला ढाई घंटे तक चला। मैच जीतने के बाद यास्त्रेम्स्का अपने घुटनों के बल बैठ गईं। उन्होंने मुकाबले के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "मैं अंदर से काफी मजबूत हूं।  इसलिए मुझे लगता है कि मैं हर चीज से निपट सकता हूं। मैं यूक्रेनी हूं और यूक्रेनी लोग बहुत मजबूत हैं। आप इसे अब युद्ध के दौरान देख सकते हैं। अब से मेरी हर जीत मेरे देश की है। जो हो रहा है उसकी तुलना में यह बड़ा नहीं है।"

चीन की झांग शुआई से होगा फाइनल
रविवार को दुनिया के 140वें नंबर के खिलाड़ी यास्त्रेम्स्का का सामना चीन की 64वीं रैंकिंग की झांग शुआई से होगा। शुआई ने खिताब सेमीफाइन में फ्रांस की कैरोलिन गार्सिया को 6-2, 7-5 से हराया। 2020 में एडिलेड में एश्ले बार्टी से हारने के बाद यह उनका पहला फाइनल होगा।

बम धमाकों के बीच खुली थी नींद
यास्त्रेम्स्का पिछले शनिवार को ल्योन पहुंची थीं। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन में एक दिन उनकी नींद बम धमाकों के बीच खुली थी। रूस ने हमला किया था। फ्रांस तक पहुंचना उनके काफी मुश्किल भरा है। यास्त्रेम्स्का और उनके परिवार ने हमलों से बचने के लिए दो रातें ओदेसा के एक भूमिगत कार पार्किंग में बिताई थी। उन्होंने अपनी बहन के साथ रोमानिया पहुंचने के लिए नाव से डेन्यूब नदी पार की थी।

पिता और मां यूक्रेन में ही रह गए
यास्त्रेमस्का और उनकी 15 साल की बहन इवान्ना को अलविदा कहने के बाद उनके पिता और मां यूक्रेन में ही रह गए। यास्त्रेम्स्का ने तनावपूर्ण सेमीफाइनल के बाद कहा, "मुझे अभी जो महसूस हो रहा है, उसके बारे में सोचने की जरूरत है। मुझे वास्तव में विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं फाइनल में पहुंच गई हूं।"  यास्त्रेम्स्का ने तीन डब्ल्यूटीए खिताब जीते हैं, लेकिन उनका पिछला खिताब मई 2019 में स्ट्रासबर्ग में आया था।