म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप भले ही अच्छा रिटर्न कमा सकते हो। आपको बता दें कि आप जब भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप जोखिम का भी सामना कर सकते हैं।

जब भी आप निवेश करते हैं तो एक टाइम के बाद आप वो पैसे वापस पा सकते हैं। आप म्यूचुअल फंड से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में पैसे निकाल सकते हैं। म्यूचुअल फंड से पैसे वापस निकालते समय आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

म्यूचुअल फंड रिडम्पशन प्रोसेस

आप जब भी फंड से पैसे निकालते हैं तो आपको उसके रिडम्पशन प्रोसेस को ध्यान में रखना चाहिए। हर किसी फंड से पैसे निकालने का प्रोसेस अलग होता है। ऐसे में आपको इसका पूरा प्रोसेस समझकर ही रिडम्पशन करना चाहिए।

होल्डिंग अवधि

कोई भी फंड में पैसे जमा करने की एक होल्डिंग अवधि होती है। इसका मतलब है कि आपको इस समय तक अपने फंड को जमा रखना चाहिए। अगर आप होल्डिंग अवधि से पहले पैसे निकाल लेते हैं तो आपको एग्जिट चार्ज देना होता है। यह चार्ज काफी ज्यादा लगता है।

एग्जिट चार्ज

जिस तरह फंड से पैसे निकालने का प्रोसेस अलग होता है उसी तरह एग्जिट लोड भी अलग होता है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि आपका एग्जिट लोड कितना है और किस अवधि के बाद एग्जिट लोड का भुगतान नहीं करना होगा।

एनएवी का सत्यापन

जब भी आप फंड से पैसे निकालते हैं तो आपको एनएवी को वेरीफाई करना होता है। आपको बता दें कि जिस तरह शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहता है। इसी तरह एनएवी में भी उतार-चढ़ाव जारी रहता है। ऐसे में पैसे निकालते समय आपको एनएवी की ओर भी ध्यान देना चाहिए।

रिडम्पशन के तरीके

आप यह भी निर्धारित कर सकते हैं कि आप किस तरह म्यूचुअल फंड से पैसे निकालना चाहते हैं। आप फिजिकल सर्टिफिकेट, बैंक अकाउंट में से कोई भी एक ऑप्शन को सिलेक्ट कर सकते हैं।

बैंक डिटेल्स

आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि फंड के साथ आपका रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट लिंक्ड हो। अगर सही बैंक अकाउंट लिंक्ड नहीं होता है तो आपको भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

केवाईसी

अगर आपकी कोई पर्सनल जानकारी में बदलाव होता है तो आपको तुरंत केवाईसी करवाना चाहिए। इसी के साथ आपको अपने केवाईसी रिकॉर्ड को फंड हाउस में अपडेट भी करवाना चाहिए। ऐसा करने से आपको भविष्य में फंड से पैसे निकालने में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

टैक्स

म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशक को टैक्स का भी भुगतान करना चाहिए। इनकम टैक्स विभाग आपसे पूंजीगत लाभ पर टैक्स लागू कर सकता है। इसलिए आपको हमेशा से टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।