भोपाल । कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद मध्यप्रदेश में भाजपा की बेचैनी बढ़ गई है। यह देखकर नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की रणनीति में अब बदलाव भी संभावित है। पार्टी ने 19 मई को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुलाई है। बैठक में विधानसभा चुनाव की दृष्टि से रणनीति पर मंथन होगा। केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियां जनता तक पहुंचाने के लिए नए अभियान और कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
बैठक में कार्यसमिति के विशेष आमंत्रित और स्थायी आमंत्रित सदस्य, पार्टी के सभी सांसद, विधायक, प्रकोष्ठों और विभागों के प्रदेश संयोजक, जिला अध्यक्ष और प्रभारी, विभिन्न मोर्चों के राष्ट्रीय पदाधिकारी और प्रदेश अध्यक्ष एवं महामंत्री, महापौर, जिला पंचायत, निगम-मंडल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, आकांक्षी (लगातार पराजय वाली सीटें) विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी, विस्तारक और विशेष संपर्क अभियान की जिला टोलियों के संयोजक-सह संयोजकों को बुलाया गया है।
बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मैदानी कार्यकर्ताओं को बताएंगे कि बदली परिस्थितियों में कैसे काम करना है। जनता के बीच किन बातों को लेकर जाना है और तथ्यों के साथ अपनी बात रखना है।
दरअसल विधानसभा चुनाव की दृष्टि से भाजपा खुद को मजबूत मान रही है, पर मैदानी स्तर पर नेताओं में आंतरिक कलह को भी भांप रही है। इसकारण अपनी कमियों को ढूंढ़ना और उन्हें दूर करने पर विशेष ध्यान रहेगा। वहीं मतदाता से सतत संपर्क पर पार्टी पहले से काम कर रही है, जिसे और सशक्त किया जाएगा।