‎नई दिल्ली । रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी कंपनी ‎रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को डीजीजीआई ने चार जीएसटी नो‎टिस ‎दिए हैं। इनमें  922.58 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड की गई है। इस तरह से अब कंपनी के लिए भी एक नई मुश्किल खड़ी हो गई है। कंपनी को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने कई कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं जिसमें कुल 922.58 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड की गई है। यह नोटिस कंपनी को ऐसे समय थमाई गई है जब रिलायंस कैपिटल वर्तमान में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण प्रक्रिया के तहत कर्ज समाधान से गुजर रही है और हिंदुजा ग्रुप विजेता के रूप में उभरा है। गौरतलब है कि हिंदुजा से पहले टोरेंट ग्रुप ने नीलामी के पहले राउंड में बोली जीती थी, जबकि रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं द्वारा आयोजित दूसरी नीलामी में यह बोली हिंदुजा ग्रुप ने जीत ली। ऐसे में इस समय यह तय नहीं हो पाया है कि रिलायंस की इस सब्सिडियरी की हिस्सेदारी किसके हाथ में जाएगी। दूसरी नीलामी को टोरेंट ग्रुप की तरफ से चुनौती देने के बाद हिंदुजा अधिग्रहण को वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार है। 
गौरतलब है ‎कि टोरंट की याचिका पर 11 अक्टूबर को सुनवाई होगी। बैंकरों ने कहा कि फ्रेश डिमांड से कंपनी के मूल्यांकन पर असर पड़ेगा। हिंदुजा ग्रुप ने कंपनी के लिए 9,800 करोड़ रुपये का नकद ऑफर किया था। कंपनी द्वारा 22,000 करोड़ रुपये के कर्ज पर चूक के बाद नवंबर 2021 में रिलायंस कैपिटल को कर्ज समाधान के लिए भेजा गया था। एक लीगल सोर्स के मुताबिक अलग-अलग रकम के जीएसटी भुगतान की मांग की गई। इस नोटिस में 478.84 करोड़ रुपये, 359.70 करोड़ रुपये, 78.66 करोड़ रुपये और 5.38 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस शामिल है। ये नोटिस पुनर्बीमा  और सह-बीमा जैसी सर्विसेज से प्राप्त राजस्व से संबंधित हैं।